(G-वार्ता)
काशीपुर/देहरादून। क्या है , “विभागीय रैंकर दरोगा भर्ती 2016 घोटाले का कड़वा सच।
क्यू, विभागीय रैंकर दरोगा भर्ती 2016, पर भी उठ रही घोटाले की जाँच करने की मांग।
विभागीय रैंकर दरोगा भर्ती 2016 के माध्यम से पुलिस विभाग में चयनित हुए थे 307 दरोगा।
विभागीय रैंकर दरोगा भर्ती 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी रहे रणजीत रावत का बड़ा हाथ होने के लग रहे गंभीर आरोप लगाते हुए विभाग के ही सिपाही उठा रहे है अब जांच की मांग । पूर्व में भी कुछ सिपाहियों द्वारा कोर्ट केस कर पाई थी नियुक्तियां। वर्तमान में भी कुछ केस सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन।
UKSSSC के माध्यम से हुई VDO भर्ती में घोटाला सामने आने के उपरान्त सूबे के मुखिया द्वारा VDO भर्ती को निरस्त करने के आदेश जारी किये जा चूके है ,और जाँच के बाद STF द्वारा अभी तक 29 नकल के सौदागरो को जेलभेजा जा चुका है । STF द्वारा गिरफ्तार किये गये नकल के सौदागरो से खुल रही एक-एक गुथ्थी जिसके उपरान्त जल निगम भर्ती, उत्तराखण्ड जल विधुत निगम लिमिटेड में जूनियर इंजीनियर (जेई) भर्ती, विधानसभा भर्ती, यूपीसीएल भर्ती, उर्दू अनुवादक भर्ती, वन आरक्षी भर्ती, वन दरोगा भर्ती, दरोगा भर्ती में धांधली और घोटाले के मिले कई अहम सबूत, नकल के सौदागर बता चुके,है कई फर्जी नाम ओर जाँच एजेन्सी के हाथ लग चुके है कई अहम सुराग। उपरोक्त भर्तीयो के अलावा अब एक भर्ती पर लग रहे गंभीर आरोप, नकल माफिया ‘हाकम सिंह’ के साथ विभागीय रैंकर दरोगा की फ़ोटो वायरल होने से मचा हडकंप इस भर्ती को लेकर भी पुलिस विभाग में चर्चाओ का माहोल। सूत्रो की माने तो हाकम सिहं के तार रणजीत रावत से जुड़ेबताये जा रहे है, जो सिपाई दरोगा बनने से रह गये थे उनके द्वारा लगाये जा रहे है गंभीर आरोप और लगातार की जा रही है, “विभागीय रैंकर दरोगा भर्ती 2016”, घोटाले की जाँच करने की मांग।
आपको बता दें की पुलिस विभाग में कांस्टेबल को प्रमोट करके “विभागीय रैंकर भर्ती” के जरिये दरोगा बनाया जाता है। वर्ष 2016 में 307 कांस्टेबल को “विभागीय रैंकर भर्ती 2016” के माध्यम से दरोगा बनाया गया था। दरोगा बनने से रह गये कांस्टेबल कर्मचारियो द्वारा उक्त भर्ती में धांधली बताते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी रहे रणजीत रावत का विभागीय रैंकर भर्ती घोटाले में बड़ा हाथ होने के गंभीर आरोप लागये गये थे। पूर्व में भी कुछ सिपाहियों द्वारा कोर्ट केस कर बाद में नियुक्तया पाई गयी थी । वर्तमान में भी कुछ केस सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिनका परिणाम अभी आना शेष है।
चूँकी , कांस्टेबल से प्रमोशन पाकर फर्जी तरीके से दरोगा बनने वाले इन हाकम सिहं की फौज के है, लम्बे हाथ । लम्बे समय से पुलिस विभाग में कार्यरत होने के कारण कई नेताओं ओर अधिकारियो से बताये जा रहे सम्बन्ध, जिसके चलते “विभागीय रैंकर दरोगा भर्ती 2016” की जाँच अपने ही विभाग की STF और विजीलेंस से कराया जाना उचित नहीं बताया जा रहा। जिन कर्मचारीयो के साथ धोखा हुआ वो कर रहे है CBI जाँच की माँग। पुलिस विभाग उक्त भर्ती की जाँच के लिए जल्द उठा सकता है कदम। सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा भी लगातार दिये जा रहे कडी कार्यवाही के निर्देशअब देखना ये, है की और कितने हाकम सिहं।
सूत्रों के मुताबिक यदि CBI द्वारा जाँच कराई जाती है तो, जाँच के बाद रद्द हो सकती है 2016 रैंकर दरोगा भर्ती ।
