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बाट-माप तराजू की जांच को आई तोल विभाग टीम को झेलना पड़ा व्यापारियों का विरोध

 


व्यापार मंडल के हस्तक्षेप के बाद ठेकेदार व उसकी टीम बैरंग लौटी

(G-वार्ता)

गदरपुर ।  नगर के थाने वाली गली में बाट माप विभाग द्वारा लाइसेंस दिए गए ठेकेदार के नेतृत्व में दुकानों पर तराजू कांटो पर मोहर लगवाने का कार्य किया जा रहा था जिन्हें व्यापारियों का विरोध झेलना पड़ा प्राप्त जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार को दोपहर बाद बाट माप विभाग के पंजीकृत ठेकेदार द्वारा नगर के थाने वाली गली में दुकानदारों के तराजू कांटे पर मोहर लगाने का कार्य किया जा रहा था जिस पर व्यापारियों ने अपना विरोध जताया और उनके पास निर्धारित शुल्क की रसीद ना होना व अन्य आरोप लगाते हुए गदरपुर व्यापार मंडल पदाधिकारियों को भी मौके पर बुलवा लिया जिसके बाद लाइसेंसी ठेकेदार देवेंद्र कुमार ने कहा कि उनके द्वारा विभाग से मोहर लगाने रिपेयरिंग आदि का लाइसेंस लिया गया है जो हर साल रिनुअल की प्रक्रिया में आता है और उनके द्वारा अनाज मंडी व अन्य जगहों पर मोहर लगाने का कार्य किया जा चुका है और बृहस्पतिवार को अपने साथी भरत, राकेश शर्मा,व प्रेम प्रकाश पांडे के साथ नगर में किराना स्टोर तथा अन्य जगहों पर मोहर लगाने का कार्य किया जा रहा है व्यापार मंडल ने भी इसका विरोध करते हुए कहा कि लाइसेंसी ठेकेदार को व्यापार मंडल के साथ एक मीटिंग कर दिन निर्धारित कर देना चाहिए जिससे व्यापारी व ठेकेदार को किसी भी प्रकार का विरोध झेलना ना पड़े और काम को आसान किया जा सके इस दौरान व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक बेहड़, महामंत्री संदीप चावला, कोषाध्यक्ष राहुल अनेजा के अलावा अन्य व्यापारी गण मौजूद रहे ।

घट तोली का शिकार हो रहे उपभोक्ता

गदरपुर बाट माप तोल विभाग के उदासीन रवैया के कारण उपभोक्ता दुकानों से सामान खरीदने में ठगी का शिकार होना पड़ रहा है वहीं विभाग पूरी तरह से निष्क्रिय है ना तो कभी विभागीय अधिकारी औचक निरीक्षण करते हैं और ना ही दुकानदार कभी अपने वाट की जांच करवाते हैं ग्रामीण इलाके के सब्जी मंडियों और बाजार में बटखरे रूप में मानक बटखरे की जगह ईट पत्थर के वाट का प्रयोग हो रहा है यह टूट कर या गिरकर मूल वजन से कम हो जाते हैं बावजूद दुकानदार इनका इस्तेमाल करते रहते हैं जबकि इसके बारे में सरकार का निर्देश है कि माप तोल यंत्र का सत्यापन समय-समय पर होता रहे और संबंधित दुकानदार को इसकी रसीद भी दी जाए विभाग के द्वारा सिर्फ कागजों में जांच होती है ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश विक्रेताओं को नियम की जानकारी नहीं है



बाट माप विभाग द्वारा देवेंद्र कुमार लाइसेंसी ठेकेदार हैं वह उनको अनुमति है कि वह तराजू कांटो पर मोहर लगवाने का कार्य करें बाट माप विज्ञान विभाग के नियम अनुसार समय-समय पर वाट तराजू व इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन कांटा की जांच होती है बाट पर मुहर लगती है तो इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर जांच के बाद टैग (सील) लगती है

वाट माप अधिकारी, सूर्यकांत शर्मा

Aman Singh

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