काशीपुर। राज्य कर्मचारी बीमा योजना के नए शासनादेश के खिलाफ ईएसआईसी कार्यालय पर मरीजों के साथ समाजसेवी ने हंगामा काटा। इस दौरान बड़ी संख्या में मरीज अपनी फाइलों के साथ मौजूद थे। एक गर्भवती महिला भी निजी अस्पताल में रेफर करने की मांग कर रही थी लेकिन उसे सरकारी अस्पताल भेजा गया।शुक्रवार सुबह करीब 10.30 समाजसेवी गगन कंबोज और मरीजों ने राज्य कर्मचारी बीमा योजना ईएसआईसी कार्यालय में तैनात चिकित्सक डॉ. अभिषेक आर्या का घेराव किया। कंबोज ने कहा कि गरीब मजदूर अपनी सैलरी से ईएससीआई के लिए पैसा कटवाते हैं ताकि उन्हें जरूरत पड़ने पर अच्छा उपचार मिल सके। जब उन्हें सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराना पड़ेगा, तो पैसे काटने की क्या जरूरत। यह शासनादेश निंदनीय है। इसे शीघ्र निरस्त करना चाहिए। इस दौरान एक गर्भवती महिला अपने पति के साथ कार्यालय में मौजूद थी। वह निजी अस्पताल में डिलिवरी कराने के लिए रेफर की मांग करने आई थी। आदेश के चलते उसे सरकारी अस्पताल में डिलिवरी कराने के लिए भेजा गया। बता दें कि छह नवंबर को राज्य कर्मचारी बीमा योजना देहरादून निदेशक दीप्ति सिंह ने शासनादेश जारी किया है। योजना के तहत औषधालय स्तर पर संभव नहीं होने पर चिकित्साधिकारी की ओर से किसी भी राजकीय चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज या एम्स को संदर्भित किया जाएगा। निजी चिकित्सालय को संदर्भित नहीं करेंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी के चलते मरीजों को निजी अस्पताल के बजाय सरकारी अस्पताल में रेफर किया जा रहा है।
आदेश के चलते गर्भवती महिला को निजी के बजाय सरकारी अस्पताल किया रेफर
byAman Singh
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